लखनऊ,06/दिसंबर/2018/ITNN>>> बुलंदशहर में गोकशी की अफवाह के बाद भड़की हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिजनों ने आज लखनऊ के पांच कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। सीएम योगी ने कल सुबोध कुमार के परिवार को मिलने के लिए लखनऊ बुलाया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबोध सिंह के परिजनों से संवेदना जताते हुए हर संभव मदद करने के साथ ही न्याय का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि मामले में दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा।
परिजनों ने भी मीडिया से बातचीत में कहा कि हमें सरकार पर पूरा भरोसा है। मुख्यमंत्री ने हमें मदद का भरोसा दिलाया है। सुबोध के परिजनों के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। साथ ही उनके मकान का 30 लाख रुपये का कर्ज भी सरकार चुकाएगी। परिवार को असाधारण पेंशन,एक सदस्य को नौकरी दिये जाने के अलावा जैथरा कुरावली सड़क का नाम भी इंस्पेक्टर सुबोध के नाम पर रखा जाएगा। सुबोध के बेटे की सिविल सर्विस की कोचिंग में भी सरकार ने मदद का भरोसा दिलाया है।
मुख्यमंत्री जनता दर्शन आवास में प्रेस वार्ता में प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि हमारी संवेदनाएं सुबोध के परिवार के साथ हैं। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर मौजूद प्रदेश के खाद्य एवं रसद मंत्री अतुल गर्ग ने कहा कि परिवार पर 30 लाख रुपये का कर्ज है जिसे सरकार चुकाएगी और इलाके में सुबोध कुमार सिंह के नाम पर एक स्कूल बनाया जाएगा। इसके पहले बुधवार को प्रदेश के खाद्य एवं रसद मंत्री अतुल गर्ग सुबोध के पैतृक गांव तरगवां (थाना जैथरा के गांव तरगवां) पहुंचे थे और सीएम के संदेश के साथ 40 लाख रुपये का चेक सुबोध की पत्नी को दिया था।
परिजनों ने अपनी बात गर्ग के सामने रखी। सभी की बात सुनने के बाद प्रभारी मंत्री अतुल गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री पीड़ित परिवार के साथ हैं। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री घटना को लेकर गंभीर हैं। भविष्य में इस तरह की कोई घटना न हो। इसको लेकर भी अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं। हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जा चुका है आपको बता दें कि सुबोध बुलंदशहर में हुई हिंसा में भीड़ के हमले का शिकार हो गए थे। हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जा चुका है।
हिंसा में मृतक सुमित कुमार सहित 28 को नामजद और 60 पर केस दर्ज किया गया है। मामले में अब तक चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं,जबकि मुख्य आरोपी बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज फरार है। यूपी डीजीपी ने कहा कि पूरा मामला एक साजिश नजर आ रहा है। आखिर क्यों और कैसे गोवंश के अवशेष वहां लाए गए थे। इसकी जांच की जा रही है। वहीं,राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले का संज्ञान लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजकर चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
सुबोध के परिवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद दी गई सहायताएं
1. 50 लाख रुपये की मदद की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।
2. सुबोध के परिवार पर बकाया 30 लाख रुपये के होम लोन को सरकार चुकाएगी।
3. परिवार के राज्य सरकार की तरफ से असाधारण पेंशन मिलेगी।
4. एटा के जैथरा कुरावली सड़क का नामकरण शहीद सुबोध सिंह के नाम पर किया जाएगा।
5. सुबोध के बच्चों की सिविल सर्विस कोचिंग में सरकार मदद करेगी। (शहीद के बेटे ने कहा था कि उसके पिता चाहते थे कि वह आईपीएस बने। इस सपने को पूरा करने के लिए सरकार सिविल सर्विसेज की कोचिंग के लिए उसके बच्चों की मदद करेगी।)