नई दिल्ली,06/दिसंबर/2018/ITNN>>> राजस्थान विधानसभा चुनाव इस बार काफी दिलचस्प नजर आ रहा है। पिछले चुनावों में मजबूत उम्मीदवारों के सामने विरोधी कमजोर उम्मीदवार उतारकर रस्म अदायगी भर करते थे। जहां एक ओर भाजपा की ओर से वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार हैं, वहीं कांग्रेस की तरफ से भी दो चेहरे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पद के इन उम्मीदवारों को उनके क्षेत्र में कांटे की टक्कर मिल रही है। दोनों ही पार्टियों की चुनावी रणनीति में हुए इस बदलाव ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है।
झालरापाटन में वसुंधरा बनाम मानवेंद्र
प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया,झालावाड़ की झालरापाटन सीट से 2003 से विधायक हैं। पिछला चुनाव उन्होंने 60 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीता था। वह झालवाड़ से कई बार सांसद भी रह चुकी हैं। वहीं,भाजपा नेता और पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को कांग्रेस ने झालरापाटन से उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की नजर इलाके के राजपूत मतदाताओं को साधने की है। मानवेंद्र के लिए झालरापाटन नया है मगर उनकी उम्मीदवारी ने इस मुकाबले को रोचक बना दिया है। साथ ही करणी सेना का समर्थन भी उन्हें मिला है।
सरदारपुरा में गहलोत बनाम शंभू सिंह
जोधपुर जिले की सरदारपुरा सीट पर प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत के सामने भाजपा ने शंभू सिंह खेतासर को उतारा है। माना जाता है कि गहलोत को माली समाज के एकमुश्त वोट मिलते हैं। वह यहां से पांचवी बार ताल ठोक रहे हैं। कांग्रेस के परंपरागत वोटर माने जाने वाले अल्पसंख्यक और दलित इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। पिछले चुनाव में गहलोत ने खेतासर को 59 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। इस सीट पर असली लड़ाई अमूमन राजपूत बनाम माली समाज के बीच रहती है।
सचिन पायलट,यूनुस खान
कांग्रेस की अगुवाई कर रहे सचिन पायलट के लिए टोंक की सीट नई है। वह पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। पायलट अजमेर और दौसा सीट से सांसद रह चुके हैं। टोंक के नवाब ने भी उन्हें अपना समर्थन दिया है। इलाके में मुस्लिम और दलित मतदाताओं की अच्छी संख्या को देखते हुए उनके लिए यह सीट सुरक्षित मानी जा रही है।
भाजपा ने पायलट के खिलाफ अपने एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार और सूबे के परिवहन मंत्री यूनुस खान को उतारा है। भाजपा ने पहले मौजूदा विधायक अजीत सिंह मेहता को यहां से टिकट दिया था मगर बाद में उम्मीदवार बदल दिया। यूनुस खान वर्तमान में नागौर जिले की डोडवाना सीट से विधायक हैं। इस सीट पर बसपा और निर्दलीय के तौर पर दो और मुस्लिम उम्मीदवार भी हैं। ऐसे में यूनुस की राह आसान नहीं होने वाली।
उदयपुर में गिरिजा व्यास बनाम गुलाबचंद कटारिया
कांग्रेस ने उदयपुर सीट से महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष गिरिजा व्यास को उतारा है। उनका मुकाबला प्रदेश के गृहमंत्री और भाजपा के उम्मीदवार गुलाबचंद कटारिया से है। दिलचस्प बात ये है कि गिरिजा व्यास,कटारिया को लोकसभा चुनाव में पटखनी दे चुकी हैं। चुनाव के परिणाम बताएंगे कि कटारिया अपनी पिछली हार का बदला ले पाते हैं या नहीं?