नई दिल्ली
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सशस्त्र सेना झंडा दिवस के मौके पर सशस्त्र बलों के प्रति आभार व्यक्त किया और राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट किया, "सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर, हम उन बहादुर पुरुषों और महिलाओं के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं जो अटूट साहस के साथ हमारे देश की रक्षा करते हैं। उनका अनुशासन, दृढ़ संकल्प और भावना हमारे लोगों की रक्षा करती है और हमारे देश को मजबूत बनाती है।
उनकी प्रतिबद्धता हमारे देश के प्रति कर्तव्य, अनुशासन और समर्पण का एक शक्तिशाली उदाहरण है। आइए हम भी सशस्त्र सेना झंडा दिवस फंड में योगदान दें।" वहीं, सशस्त्र सेना झंडा दिवस के मौके पर रक्षा मंत्रालय के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को सशस्त्र सेना झंडा दिवस का लैपल पिन लगाया। जिसका नेतृत्व पूर्व सैनिक कल्याण विभाग की सचिव सुकृति लिखी ने किया। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने अपनी पूरे एक महीने की सैलरी सशस्त्र सेना झंडा दिवस फंड में दान की।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने लोगों से अपील करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "सभी नागरिकों से भी अपील की कि वे स्वेच्छा से सशस्त्र सेना झंडा दिवस फंड में योगदान देकर हमारे शहीदों, विकलांग सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति अपना आभार व्यक्त करें।"
जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर, मैं हमारे बहादुर सशस्त्र सेना के जवानों और शहीदों को देश के लिए उनके सर्वोच्च बलिदान और सेवा के लिए दिल से धन्यवाद देता हूं। आइए, हम अपने बहादुर सैनिकों और उनके परिवारों की भलाई और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र सेना झंडा दिवस फंड में दिल खोलकर दान करें।"
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल (सीडीएस) अनिल चौहान ने भी सभी भारतीय सशस्त्र बलों के सैनिकों, पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को शुभकामनाएं दीं और भारत की रक्षा तैयारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा में उनकी दृढ़ सेवा, अदम्य भावना और स्थायी योगदान को स्वीकार किया। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने सोशल मीडिया पर भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की। उन्होंने देशवासियों से सशस्त्र सेना झंडा दिवस फंड में योगदान देने की भी अपील की।


























